राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस)
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के बारे में
राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) भारत सरकार, युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है। यह +2 बोर्ड स्तर पर स्कूलों की 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्र युवाओं और महाविद्यालय व विश्वविद्यालय स्तर पर तकनीकी संस्थानों, स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्र युवाओं को सरकार के द्वारा संचालित विभिन्न सामुदायिक सेवा गतिविधियों और कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है। स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्र युवाओं के व्यक्तित्व और चरित्र का विकास करना इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य है। 'सेवा के माध्यम से शिक्षा’ यह एनएसएस का उद्देश्य है। एनएसएस को वर्ष 1969 में 37 विश्वविद्यालयों में शुरू किया गया था, जिसमें लगभग 40,000 स्वयंसेवक शामिल थे, जो अब 657 विश्वविद्यालयों और 51 +2 परिषदों/निदेशालयों में विस्तृत हुआ है, जिसमें 20,669 कॉलेज/तकनीकी संस्थान और 11,988 उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। स्थापना के बाद से, 7.4 करोड़ से अधिक छात्र एनएसएस से लाभान्वित हुए हैं।
एनएसएस बैज देश की सेवा करने में गर्व महसूस करता है::
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सभी युवा स्वयंसेवक जो रा. से. यो. के माध्यम से सामुदायिक सेवा के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने का विकल्प चुनते हैं, एनएसएस बैज को गर्व के साथ पहनते हैं और जरूरतमंदों की मदद करने की जिम्मेदारी की भावना रखते हैं। एनएसएस के बैज में 8 बार वाला कोणार्क मंदिर के रथ का पहिया दिन के 24 घंटों को दर्शाता है, जो धारण करने वाले को चौबीसों घंटे यानी 24 घंटे राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार रहने की याद दिलाता है। बैज में लाल रंग रा. से. यो. के स्वयंसेवकों में स्फूर्ति ऊर्जा और सेवा भावना को दर्शाता है। नीला रंग ब्रह्मांड को दर्शाता है जिसका एनएसएस एक छोटा सा हिस्सा है, जो मानव जाति के कल्याण के लिए अपना योगदान देने के लिए तत्पर है। |
आदर्श वाक्य:
राष्ट्रीय सेवा योजना का आदर्श वाक्य स्वयं से पहले आप
एनएसएस स्वयंसेवक होने के लाभ:
महाविद्यालय अथवा उच्च माध्यमिक स्तर के छात्र समाज सेवा कार्यक्रम में प्रतिभागिता करने हेतु रा. से. यो. स्वयंसेवक के रूप में कार्यरत रहता है। रा. से. यो. स्वयंसेवकों को निम्न अनुभव प्राप्त होता है:
- एक कुशल सामाजिक नेता
- एक कुशल प्रशासक
- एक व्यक्ति जो मानव स्वभाव को समझता है
प्रमुख गतिविधियां:
राष्ट्रीय एकीकरण शिविर (एनआईसी):
राष्ट्रीय एकीकरण शिविर (एनआईसी) हर साल आयोजित किया जाता है और प्रत्येक शिविर की अवधि सात दिनों की होती है। यह शिविर पूर्ण आवासिया होते है जिसमे खानपान और निवास की वयवस्था होती है तथा देश के अलग-अलग हिस्सों में ये शिविर लगाए जाते हैं। प्रत्येक शिविर में निर्धारित गतिविधियों को करने के लिए 200 रा. से. यो. स्वयंसेवक शामिल होते हैं।
राष्ट्रीय एकता शिविर के उद्देश्य
एनएसएस स्वयंसेवकों को निम्न विषयों पर जागरूक करना:
- भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता
- हमारी विविधतापूर्ण संस्कृति का इतिहास
- भारत के बारे में ज्ञान के माध्यम से राष्ट्रीय गौरव
- समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र को एकीकृत करना
साहसिक कार्यक्रम:
यह शिविर हर साल आयोजित किए जाते हैं जिनमें लगभग 1500 एनएसएस स्वयंसेवकों भाग लेते है, जिसमें कम से कम 50% स्वयंसेवक छात्राएं होती हैं। यह शिविर उत्तर में हिमालयी क्षेत्र और उत्तर पूर्व क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश में आयोजित किए जाते हैं। इन शिविरों आयोजित साहसिक गतिविधियों में पहाड़ों की ट्रेकिंग, वॉटर राफ्टिंग, पैरा-सेलिंग और बेसिक स्कीइंग शामिल हैं।
साहसिक कार्यक्रम के उद्देश्य
- एनएसएस स्वयंसेवकों के बीच विभिन्न साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देना
- भारत के विभिन्न क्षेत्रों के प्रति प्रेम की भावना जागृत करें
- नेतृत्व गुण, भाईचारा, टीम भावना और जोखिम लेने की क्षमता बढ़ाएं।
- शारीरिक और मानसिक शक्ति में सुधार
- नई व्यावसायिक संभावनाओं का प्रदर्शन
एनएसएस गणतंत्र दिवस परेड शिविर:
एनएसएस स्वयंसेवकों का पहला गणतंत्र दिवस परेड शिविर वर्ष 1988 में आयोजित किया गया था। यह शिविर प्रा\प्रत्तेयक साल 1 से 31 जनवरी के दरम्यान दिल्ली में होता है जिसमें 200 एनएसएस के चयनित स्वयंसेवक भाग लेते है जो अनुशासन, मार्च-पास्ट और सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रवीण होते हैं। रक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों और अपेक्षा अनुसार हर साल 26 जनवरी को राजपथ, नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में चयनित एनएसएस स्वयंसेवकों का एक दल भाग लेता है।
एनएसएस गणतंत्र दिवस परेड शिविर का उद्देश्य
- स्वयंसेवकों को भारत के विभिन्न हिस्सों से आने वाले साथी सदस्यों के साथ संपर्क बनाने में सक्षम बनाना।
- भारत के सभी राज्यों की परंपरा, रीति-रिवाज, संस्कृति, भाषा का अनुभव करवाना।
- छात्र स्वयंसेवकों के समग्र व्यक्तित्व को विकसित करने का अवसर प्रदान करना।
- देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता, भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव के बंधन का गठन।
राष्ट्रीय युवा उत्सव
भारत सरकार, युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारों के सहयोग से हर साल 12 से 16 जनवरी तक राष्ट्रीय युवा उत्सव आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय युवा उत्सवों के दौरान भाग लेने वाले लगभग 1500 एनएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित करने और उनके साथ बातचीत करने के लिए प्रतिष्ठित अतिथियों, वक्ताओं और युवा आदर्श को आमंत्रित किया जाता है।
राष्ट्रीय युवा उत्सवों के उद्देश्य
- स्वयंसेवकों को देश में मनाए जाने वाले विभिन्न उत्सवों से अवगत कराएं
- हमारे देश में मनाए जाने वाले त्योहारों के सांस्कृतिक महत्व को स्वयंसेवकों को याद दिलाना
- एनएसएस स्वयंसेवकों को संसाधन व्यक्ति/वक्ता/युवा प्रतीक के साथ संपर्क बनाने का अवसर प्रदान करना
राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार
युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने एनएसएस स्वयंसेवकों, कार्यक्रम अधिकारियों, एन.एस.एस. इकाइयों और विश्वविद्यालय / वरिष्ठ माध्यमिक परिषद द्वारा प्रदान की गई स्वैच्छिक सेवा को मान्यता देने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कारों की स्थापना की थी। ।
इन पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 1993-1994 में की गई थी। तब से, ये पुरस्कार हर साल विभिन्न स्तरों पर दिए जाते हैं। इन पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है:-
क्रमांक |
श्रेणी |
पुरस्कारों की संख्या |
प्रत्येक पुरस्कार का मूल्य |
1. |
विश्वविद्यालय/+2 परिषद |
1 |
Rs. 5,00,000/- |
2. |
आगामी विश्वविद्यालय |
1 |
Rs. 3,00,000/- |
3. |
कार्यक्रम अधिकारी |
10 |
Rs. 1,50,000/- |
4. |
एनएसएस यूनिट |
10 |
Rs. 2,00,000/- |
5. |
एनएसएस स्वयंसेवक |
30 |
Rs. 1,00,000/- |
राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार के उद्देश्य
- एनएसएस छात्र स्वयंसेवकों, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों और सामुदायिक सेवा में कार्यक्रम समन्वयकों द्वारा उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देना।
- युवा एनएसएस छात्र स्वयंसेवकों को सामुदायिक सेवा के माध्यम से अपने व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- एनएसएस स्वयंसेवकों के माध्यम से राष्ट्रीय सेवा योजना की जरूरतों को पूरा करने के लिए एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों और कार्यक्रम समन्वयकों को प्रोत्साहित करना।
- एनएसएस स्वयंसेवकों को सामुदायिक कार्य के प्रति अपनी निस्वार्थ सेवा जारी रखने के लिए प्रेरित करना।