
खेल विभाग, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय भारत में खेलों के विकास के अभियान के लिए प्रतिबद्ध है। विशिष्ट खिलाड़ियों, राष्ट्रीय खेल परिसंघों और आम नागरिकों के लिए अनेक स्कीमों को लागू किया जा रहा है।
विभाग द्वारा सितंबर 2015 के बाद से शुरू की गई मुख्य गतिविधियां निम्नानुसार हैं: -
(i) एनएसएफ और खिलाड़ियों को दी जाने वाली सहायता में वृद्धि: विभिन्न स्पर्धाओं में खिलाड़ियों की भागीदारी को आसान बनाने और प्रतियोगिता को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन के लिए राशि को बढ़ा कर सीनियर के लिए 5 लाख रूपए और जूनियर के लिए 7 लाख रुपए और सब-जूनियर के लिए 10 लाख रुपए कर दिया गया है। इस से खेल प्रतिभाओं की आरंभ से पहचान करने में मदद मिलेगी।
भारत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए, वित्तीय सहायता की राशि को प्रति टूर्नामेंट 10 लाख रुपए से बढ़ा कर 30 लाख रुपए कर दिया गया है। खिलाड़ियों और कोचों के लिए हवाई यात्रा, बीमा दरों, होटल पात्रता आदि, को पर्याप्त रूप से बढ़ा दिया गया है। कोच और उच्च प्रदर्शन वाले कोचों के वेतनों में वृद्धि की गयी है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के खिलाड़ियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
(ii) टीओपी स्कीम के माध्यम से संभावित पदक विजेताओं को सहायता: अभिज्ञात संभावित खिलाड़ियों और चयनित विशिष्ट खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय सुविधाओं वाले संस्थानों में उनके विशेष प्रशिक्षण और अन्य आवश्यक सहायता के लिए टार्गेट ओलंपिक पोडियम (टीओपी) स्कीम के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही हैं जिसे सरकार ने रियो ओलंपिक खेल 2016 और ओलंपिक खेल 2020 के लिए संभावित पदक विजेताओं की पहचान करने और उनकी सहायता करने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में विशेष रूप से तैयार कर राष्ट्रीय खेल विकास निधि के माध्यम से शुरू किया । टीओपी स्कीम के तहत अभिज्ञात खिलाड़ियों की वित्तीय सहायता के लिए 48.83 करोड़ रुपए अनुमोदित किए गए हैं ।
(iii) 12 दक्षिण एशियाई खेल - पूर्वोत्तर भारत में गुवाहाटी और शिलांग में एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल स्पर्धा 5 से 16 फरवरी 2016 तक आयोजित की जा रही है। यद्यपि इन खेलों की तैयारी के लिए उपलब्ध समय छह महीने से भी कम था परंतु खेल विभाग ने भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय ओलम्पिक संघ के साथ मिल कर तथा असम और मेघालय राज्य सरकारों की सहायता से सभी स्रोतों और जनशक्ति को जुटा कर इस कार्य को सिद्ध कर दिखाया। खेलों के लिए सभी 23 स्थानों को समय पर तैयार कर दिया गया है और परीक्षण खेल अभ्यास 23 जनवरी 2016 से शुरू हो रहे हैं। सार्क के सभी आठ सदस्य देशों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर दी है और 1435 पुरुषों खिलाड़ियों और 1159 महिला खिलाड़ियों ने पहले से ही अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। 23 स्पर्धाओं में से 16 गुवाहाटी में और 7 शिलांग में आयोजित की जाएंगी । पूर्वोतर के खेल प्रेमी 12वें एसएजी खेलों के आरंभ होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जिनका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री द्वारा गुवाहाटी में 5 फ़रवरी 2016 को किया जाएगा ।
(iv) रियो ओलंपिक की तैयारी: 5 से 21 अगस्त 2016 में रियो डी जनेरियो (ब्राजील) में आयोजित होने वाले आगामी ओलंपिक खेलों के लिए हमारी तैयारी सही दिशा में चल रही है। विभाग ने 106 खिलाड़ियों की सहायता करने का फैसला किया और इस स्कीम के तहत 67 एथलीटों ने नामांकन करवाया है।
(v) फीफा अंडर -17 विश्व कप:भारत अंडर-17 विश्व कप फुटबॉल की मेजबानी कर रहा है। कैबिनेट ने भारत में 2017 में अंडर 17 फ़ैडरेशन इंटरनेशनल डी फुटबाल एसोसिएशन (फीफा) की मेजबानी के लिए बोली लगाने के लिए 13.06.2013 को बैठक आयोजित की । अखिल भारतीय फुटबॉल परिसंघ (एआईएफएफ) ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम, गोवा और केरल में मैचों के आयोजन का प्रस्ताव किया है।
(vi) अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं और उनके कोचों के लिए विशेष पुरस्कार की संशोधित स्कीम में विशेष रूप से सक्षम और बौद्धिक रूप से निशक्त खिलाड़ियों का समावेश: युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक विजेताओं और उनके कोचों को विशेष पुरस्कार स्कीम को 29.01.2015 को संशोधित किया। पैरालम्पिक खेलों (ग्रीषम और शीतकालीन), पैरा एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों (पैरा-एथलीट) के पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि को ओलंपिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं के समान निर्धारित कर दिया है ।
(vii) राष्ट्रीय स्कूल खेलों का बड़े स्तर पर आयोजन: खेल विभाग ने देश में प्रत्येक वर्ष चार से पांच स्थानों पर राष्ट्रीय स्कूल खेलों का बड़े स्तर पर आयोजन करने का निर्णय लिया है। ऐसी शुरुआत केरल राज्य में इन खेलों का समर्थन करके की जा रही है जहां इन्हे 29 जनवरी, 2016 से आयोजित किया जाना प्रस्तावित है ।
आम जनता के लिए बनाई गईं स्कीम जैसे "आओ और खेलो" को विभिन्न साई केंद्रों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। हमारे देश में खेल संस्कृति विकसित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मैं सभी नागरिकों, खिलाड़ियों, कोचों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों और खेल परिसंघों को आमंत्रित करता हूँ कि वे विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं का इस्तेमाल करें और इसकी सुविधाओं और योजनाओं में सुधार के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव भी दें।
(राजीव यादव)
सचिव( खेल)